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विश्व की प्रसिद्ध कहानी-नेकलेस

नेकलेस

 श्रीमती मैटिल्डा लौइसल सुंदर और महत्वाकांक्षी महिलाओं में से थी,  जिन्हें विधाता भूल से क्लर्कों के परिवार में जन्म दे देता है। वह शान के साथ रहना चाहती थी, अफसरों के सामान उसे ऐश्वर्य से प्रेम था। वह अपनी गरीबी से दुखी रहती थी।
एक बार उसे और उसके पति को शिक्षा विभाग की मंत्री के यहां होने वाली पार्टी के लिए निमंत्रण मिला। लेकिन इस निमंत्रण को पाकर मैं मैटिल्डा का दुख और भी बढ़ गया। अमीरों की पार्टी में जाने के लिए उसके पास उत्तम वस्त्र नहीं थे पति ने कोरी कोरी करके बचाए हुए अपने 400 फ्रेंक खर्च करके उसके लिए अच्छे वस्त्र बनवा दिए। लेकिन एक अड़चन और थी उसके पास कोई आभूषण नहीं था। इसकी भी एक तरकीब निकल आई वह अपनी स्कूल की सहपाठी अमीर श्रीमती फोरस्टियर से हीरो का एक नेकलेस मांग लाई।
उस पार्टी में सबसे अधिक सुन्दर  वह ही लग रही थी बड़े बड़े अफसरों की पत्नियों को उससे डाह होने लगी। हर पुरुष उसका परिचय प्राप्त करना चाहता था। वे अत्यधिक उत्साह से सारी रात नाचती रही। सुबह अपने पति के साथ लौटी तो उसका अभिमान बढ़ा हुआ था। लौटते समय सर्दी से बचने के लिए जो कोर्ट वह अपने लिए लाई थी अब उसे अपने शानदार कपड़ों पर बुरा लगा। जब पति पत्नी घर पहुंचे तो सवेरा होने वाला था।
 कपड़े बदलती हुई अचानक ही चीख उठी उसका नेकलेस खो गया था। पति को सुबह 10:00 बजे दफ्तर जाना था और वह रात को सोया भी नहीं था फिर भी वह रास्ते में नेकलेस ढूंढने चला गया। हारा थका 7:00 बजे लौटा लेकिन नेकलेस ना मिला बहुत कोशिश करने पर जब नेकलेस ना मिला तो उन्होंने सोचा कि श्रीमती फोरस्टियर को नया नेकलेस खरीद कर वापस कर देंगे। नया नेकलेस 36000 फ्रैंक का मिला। उसका भुगतान करने के लिए उसके पति ने अपने पिता की वसीयत से मिले 18000 फ्रैंक  दे दिए बाकी का धन उसने इधर उधर से उधार मांग कर पूरा किया।
उसका और उसके पति को इस बात की बड़ी प्रसन्नता हुई कि श्रीमती फोरस्टियर ने डिब्बा खोलकर देखे बिना ही नेकलेस उठा कर रख लिया, क्योंकि उन्हें असली हार के खो जाने की बात खुल जाने का डर था।
नेकलेस का कर्ज चुकाने के लिए उसके और उसके पति ने अपने अपने पुराने मकान को छोड़कर एक छोटा सा मकान किराए पर ले लिया नौकरानी को निकालकर घर का सारा काम काज वह खुद करने लगी सड़क के नल से पानी भरकर लाना पड़ता। कपड़ेलत्ते वह खुद धोती। रसोई का भी सारा काम करती। बाजार की खरीदारी भी अब खुद ही करनी पड़ती थी। एक एक पाई के लिए दुकानदार से बहस करती ताकि कर्ज शीघ्र पूरा हो जाए।
उसका पति दिन भर दफ्तर में काम करता और शाम के समय कुछ दुकानदारों के हिसाब लिखता। हर महीने कर्ज घटता चला और 10 वर्ष में पूरा उतर गया।
लेकिन अब वह बूढ़ी दिखाई देती थी। वह मजदूरों की स्त्रियों की तरह बलिष्ठ हो गई थी। उसकी नजाकत अब नहीं रही थी। उसके बाल अस्त-व्यस्त रहते कपड़े सस्ते गरीबों जैसे और रुचि हीन थे। जब उसका पति दफ्तर गया होता तो वह दोपहर को खिड़की के पास बैठकर उस पार्टी की बात सोचती। यदि उस रात नेकलेस ना खोया होता तो आज उसका जीवन कैसा होता।
एक एतवार को वह सप्ताह भर की चिंताओं से मुक्ति पाने के लिए पार्क में घूम रही थी। अचानक वहां उसे एक स्त्री अपने बच्चे के साथ दिखाई दी। वह श्रीमती फोरस्टियर थी। वह अभी तक युवा मालूम पड़ती थी साहस करके उसने उसे पुकारा। पहले तो उसने अपनी सहपाठीन मटिल्डा को पहचानना नहीं लेकिन जब उसने अपना परिचय दिया तो मैं पहचान गई की दुर्दशा का कारण पूछने लगी।
यह सब तुम्हारे कारण हुआ है,मैटिल्डा ने कहा।
मेरे कारण
तुम्हें उस नेकलेस की याद है जो मैं तुमसे मांग कर ले गयी थी ,
हां
वह मुझसे खो गया था।
तुमने तो वह वापस कर दिया था फिर खोया कैसे?
मैंने वैसा ही नया खरीद कर तुम्हें वापस कर दिया था। और उसकी कीमत चुकाने में मेरा यह हाल हो गया है। ख़ैर अब मैं संतुष्ट हूं।
तो तुमने असली हीरो का नेकलेस खरीद कर मेरा नेकलेस वापस किया था?
मैटिल्डा को यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई की श्रीमती फोरस्टियर का नेकलेस बदलने जाने का समाचार अब ज्ञात हुआ है। अचानक ही उन्होंने उसके गले में बाहें डाल दी।
ओह, मैटिल्टा, मेरे नेकलेस की कीमत तो कुल 500 फ्रेंक....... वह नकली हीरो का नेकलेस था।







                                                                  धन्यवाद

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