वीणा वादिनी वर दे ; प्रिय स्वतंत्र रव ,अमृत मंत्र नव
भारत मैं भर दे ,काट अन्ध उर के बन्धन स्तर
बहा जननि ज्योतिमर्य निर्झर
कलुष भेद तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे ,
वीणा वादिनी वर दे , वर दे ---------------------------------------
नव गति नव लय ताल छंद नव
नवल कंठ नव जलद मन्द्र नव
नव नभ के नव विहग वृंद को
नव पर नव स्वर दे
वीणा वादिनी वर दे ,वर दे | ------------------------------------
my first post about wandna
i hope you like it, plz......comment
Nice
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